श्रद्धा-पुष्प… मांगते है आज गुरू जी से हमेँ हमारी टूटी पतंग और डोर दे दो,
चौ॰ भजनलाल जी फिर ना दे सको तो उनके जैसा कोई और दे दो।
Tuesday, December 2, 2008
हां, मैं कहती हूं राजस्थान भगवान भरोसे ही है : वसुन्धरा / नोखा के मुकाम धाम में लगाई मुख्यमंत्री ने धोक
बीकानेर, मार्च। राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि भ्0 सालों से प्रदेश जूझ रहा है। ग्रह बदलते रहते हैं राज्य के भी ग्रह बदल गए हैं। राजस्थान कहीं पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं प्रदेश भगवान भरोसे है, हां मैं भी कहती हूं सब भगवान भरोसे ही है। भगवान नहीं होते तो हमारा अस्तित्व ही नहीं होता। शुक्रवार को जिले के नोखा तहसील के मुकाम धाम में अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के खुले अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रुप में उन्होंने ये बात कही। विश्नोई समाज के मुक्तिधाम मुकाम स्थित गुरु जंभेश्वर जी महाराज के फाल्गुनी अमावस्या मेले के अवसर पर श्रीमती राजे ने जांभोजी की समाधि पर धोक लगाई तत्पश्चात् सभा में हजारों समाज के महिलाओं, पुरुषों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में वे दो जाति मजहब के मामले हालाकिं राजस्थान के परिवार में देखे हैं मगर। जनसमुदाय को भगवान का अंश बताते हुए उन्होंने कहा कि आज विश्व में पर्यावरणीय बलिदान देने वाले इस समाज की तरह प्रत्येक व्यक्ति को इसी तरह अपने दिल को समर्पित करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने महासभा की विभिन्न मांगों में बीकानेर में कन्या छात्रावास के लिए ब् बीघा जमीन की स्वीकृति तथा अन्य सड़क मार्गों के कार्यों के शीघ्र निस्तारण की बात कही। उन्होंने स्वामी गोरधनजी महाराज द्वारा स्कूलों में नीले वर्ष को निषेध बताते हुए बदलने की बात पर जयपुर में शिक्षाधिकारियों से चर्चा के बाद निर्णय की बात कही। राजे ने महिलाओं से बालिका शिक्षा पर जोर देने के आह्वान व उनके लिए भ्0 प्रतिशत आरक्षण की बात के साथ कहा कि राजस्थान के स्वाभिमान को पैरों तले कोई ना रौंद सके इसकी जिम्मेदारी हम सबकी है। राजे को समाज की ओर से जबरदस्ती चांदी का मुकुट भी पहनाया गया। मधू, सीमा, पूनम विश्नोई ने चुनरी ओढ़ाई। सभा को राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष, लादूराम विश्नोई, हुक्माराम विश्नोई, स्वामी गोरधन महाराज, महंत रामानन्द आचार्य, मध्यप्रदेश के चिकित्सा मंत्री अजय विश्नोई, राज्य विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण विश्नोई, मलखान सिंह ने भी सम्बोधित किया। मंच पर कांगे्रस नेता बीरबल विश्नोई, शहर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गोपाल गहलोत, देहात महिलाध्यक्ष डा. मीना आसोपा, सांसद जसवन्त सिंह सहित समाज के अनेक गणमान्यजन मौजूद थे। झलकियां आरएएस अधिकारी रतन विश्नोई ने खरी-खरी बात कहते हुए कहा कि रोते रहोगे तो मरते रहोगे। महासभा के आज के दिन के कार्यक्रम को राजनैतिक मंच बनानेपर उन्होंने विरोध प्रकट कर जोरदार तालियां बटोरी। महंत रामानन्दजी ने अपने विचारों में समाज के हजारों लोगों कोअपने संबोधन में कर्तव्य-मान सम्मान के ध्यान रखने की बात के साथ भेदभाव भुलाने की बात कही। अमर ज्योति पत्रिका के सम्पादक ने कहा कि पर्यावरण की रक्षार्थ फ्म्फ् लोगों ने शहीदी विश्वभर में अनुकरणीय समाज है। निर्धारित समय से लगभग एक घण्टा और मिनट देर से यानि ख् बजकर ख्ख् मिनट पर राजे मदिंर स्थल पर पहुंची। सीआईडी के अधिकारी हाथ जोड़-जोड़ कर सभा में से पानी-पानी की आवाज करने वाले लोगों को रोकते नजर आ रहे थे। राजस्थान में लोक सेवा आयोग में विश्नाई समाज से सदस्य बनाने की महासभा की ओर से पहली मांग राजे के समक्ष रखी गई। विश्नोई रत्न चौधरी भजनलाल व महासभा अध्यक्ष सांसद कुलदीप विश्नोई इस बार अनुपस्थित रहे क्योकिं भजनलाल के पौत्र की कल आकस्मिक मृत्यु हो गई। मौनसभा भी रखी गई।
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Suresh Bihnoi
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