Friday, December 12, 2008

साध्वी से पूछा गया था, क्या वे कुंवारी हैं?

ADALAT KO दिए गए साध्वी प्रज्ञा के बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या एक महिला होने के नाते साध्वी प्रज्ञा को पुलिस हिरासत में अपने सम्मान की सुरक्षा का कोई अधिकार नहीं था। जेल में साध्वी पर भीषण अत्याचार किए गए। उनसे पूछा गया कि ‘‘ क्या वे कुंवारी ‘ हैं ?’’ उन्हें पीटा गया। उनके पांव , तलवे , हथेलियों व तलवों पर चोटें दी गईं। उन्हें नारको टेस्ट से गुजारा गया। साध्वी ने अपने बयान में कहा कि कई बार उनके मन में आया कि वे आत्महत्या कर लें। इस घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग चुप रहा। यह वही महिला आयोग है जो राखी सावंत जैसी आइटम गर्ल के लिए तुरंत सक्रिय हुआ था। राखी सावंत के साथ महिला आयोग की अधिकारियों ने फोटो खिंचवाई थी और इन सबसे आइटम गर्ल का काम - काज ही बढ़ा। कश्मीर में आशिया अंदरावी कट्टर इस्लामी संगठन दुख्तराने मिल्लत की अध्यक्ष हैं। उन पर अमेरिका ने आरोप लगाया था कि श्रीनगर के एक बम धमाके में उनके संगठन का हाथ था। जिसमें एक पत्रकार मारा गया था। भारतीय गुप्तचर एजंसियों ने उन पर हवाला से पैसा लेकर जिहादी आतंकवादियों को देने का आरोप लगाया और पोटा के अंतर्गत जेल में डाला। देश के खिलाफ और आतंकवादियों के समर्थन में काम करने वाली इस महिला को जेल में सब सुविधाएं दी गईं और बाद में छोड़ भी दिया गया। साध्वी प्रज्ञा पर अभी तक कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। वह देश के खिलाफ काम नहीं करतीं। साध्वी धार्मिक महिला हैं। फिर भी उन पर इतना अत्याचार क्यों ? हिन्दू समाज स्वभावतः कभी धर्म के आधार पर आतंकवाद करने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं कर सकता। नाथू राम गोडसे ने हिन्दू समाज का जितना अहित किया उसका कोई लेखा - जोखा नहीं कर सका है। पर गांधी विश्व वन्द्यः माने गए , आज वे दुनिया में भारत की श्रेष्ठतम पहचान हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लाखों स्वयंसेवक प्रतिदिन पढ़े जाने वाले प्रातः स्मरण में सुबह गांधी जी का नाम लेते हैं। जिन इस्लामी देशों में आतंकवाद पनप रहा है वहां की दुर्दशा हिन्दू समाज देखता व समझता है। आज दुनिया भर में हिन्दू उद्योग , व्यापार , प्रौद्योगिकी विज्ञान कम्यूटर इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रों में शिखर पर दिखते हैं।

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