Monday, December 1, 2008

ऐसे तो नहीं रुक सकता आतंकी हमला

ऐसे तो नहीं रुक सकता आतंकी हमला
नई दिल्ली [जरनैल सिंह]। न तो समुद्र में गश्त के लिए आवश्यक गश्ती जहाज हैं, न विमान। जंग नहीं हो रही हो तो फिर समुद्र तट से 12 मील तक किसी मर्चेट जहाज को रोक कर तलाशी लेने का अधिकार भी नहीं है। बंदरगाहों की सुरक्षा का जिम्मा बंदरगाह अथारिटी के पास है, तटरक्षक बलों के पास नहीं। इसलिए भारतीय नौसेना व तटरक्षक बल दुश्मन देश के समुद्री हमले को तो नेस्तनाबूद कर सकते हैं पर आतंकी हमले को नहीं। यह कहना है भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व महानिदेशक वाइस एडमिरल अरुण कुमार सिंह का।
जिस भारतीय समुद्री सीमा में हर रोज तीन लाख छोटे-बड़े जहाज, बोट्स आते-जाते हों और रात को ऐसा लगता हो मानो समुद्र में दीवाली है, वहां सटीक खुफिया जानकारी के बिना काम नहीं चलेगा। बताना होगा कि आतंकी कब और कैसे आ सकते हैं। खास कर 'जब तटरक्षक बल के पास आवश्यकता का 25 फीसदी ही संसाधन हों और किसी भी बोट, जहाज को शक के आधार पर रोक कर तलाशी लेने का अधिकार न दिया गया हो।'
दुनिया भर में बंदरगाहों की सुरक्षा नौसेना या तटरक्षक बलों के हाथ में होती है। भारत में यह पोर्ट अथारिटी के पास है। चौदह विभाग हैं। एक हाथ को मालूम नहीं होता कि दूसरा हाथ कर क्या रहा है। तटरक्षक बलों की जिम्मेदारी तट से 12 मील आगे शुरू होती है। लेकिन तलाशी के अधिकार इतने सीमित हैं कि सिर्फ शक के आधार पर जहाज को हाथ नहीं लगा सकते। अगर किसी मर्चेट शिप की शक के आधार पर तलाशी ले ली और उसे 5-7 घंटे रुकना पड़ा तो वह कम से कम 5-10 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा ठोंक देगा। जंग के वक्त तटरक्षक बल व नौसेना को तलाशी के अधिकार मिलते हैं, शांति काल में नहीं। जबकि आतंकी हमले तो शांतिकाल में ही होते हैं।
तीन साल पहले समुद्री तट से 12 मील समुद्र के अंदर तक निगरानी व गश्त के लिए मैरीन पुलिस का गठन किया गया। इसके लिए जो 220 बोट इस साल तक आ जानी थीं उनका अभी तक अता-पता नहीं है। तब कैसे होगी निगरानी?
वाइस एडमिरल सिंह के मुताबिक सिर्फ 75 जहाज और 44 विमानों के बल पर भारत जैसे देश के समुद्री तटों को सुरक्षा नहीं मिल सकती। साउथ कोरिया जैसा देश जो कि छत्तीसगढ़ जितना है, उसके तटरक्षक बल के पास 260 जहाज हैं। जापान के तटरक्षक बल के पास 520 और अमेरिकी तटरक्षक बल के पास 2000 जहाज हैं। अमेरिका ने तो पेट्रियट कानून बना कर तटरक्षक बलों को इतना अधिकार दे दिया है कि वह समुद्र में 200 मील के घेरे तक किसी भी जहाज की शक के आधार पर तलाशी ले सकते हैं। चाहें तो शक के आधार पर ही जहाज को वापस लौटने को मजबूर कर दें। लेकिन हमारे यहां महानिदेशक-शिपिंग से लंबे समय से मर्चेट जहाजों को रोकने व तलाशी लेने का अधिकार मांगा जा रहा है, जिस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। जब तक तलाशी के अधिकारों के साथ कम से कम 268 जहाज, 113 विमान और 15 मानवरहित टोही विमान नहीं होते तब तक बात नहीं बन पाएगी।

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