Tuesday, December 2, 2008

राजस्थान में बाडमेर सांचोर बेसिन में खोजे गए लगभग 480 मिलियन टन खनिज तेल के भंडार

'राजस्थान में बाडमेर सांचोर बेसिन में खोजे गए लगभग 480 मिलियन टन खनिज तेल के भंडारों का दोहन वर्ष 2009 से संभावित है। इसके अतंर्गत 1800 करोड़ रु. का निवेश उत्पादन हेतु मूलभूत ढाँचा विकसित करने में प्रक्रियाधीन है।राजस्थान सरकार के पेट्रोलियम विभाग की वर्ष 2008-09 के आय व्ययक में यह जानकारी दी गई है। ओएनजीसीएल एवं ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा राज्य में क्रमशः 1956 एवं 1985 से पेट्रोलियम अन्वेषण का कार्य आरंभ किया गया जिसमें 11790 मिलियन घन मीटर गैस, 114.60 हैवी ऑयल एवं 33.2 मिलियन टन बिटुमिन के भंडार सिद्व किए गए हैं। राज्य में गत चार वर्षों के दौरान 152 तेल गैस कुओं की रिकॉर्ड खुदाई की गई है जिसमें लगभग 1600 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है तथा खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस के वृहद भंडारों की खोज की गई है। वर्तमान में राज्य को पेट्रोलियम सेक्टर के अंतर्गत गैस उत्पादन से लगभग 900 लाख रु. का राजस्व अर्जित हो रहा है तथा आगामी वर्षों में खनिज तेल के उत्पादन से रायल्टी के रूप में उल्लेखनीय गैर कर राजस्व प्राप्त होगा तथा सहायक उद्योगों के साथ-साथ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं का विकास होगा।हाल ही में जैसलमेर बेसिन के शाहगढ़ क्षेत्र में फोकस एनर्जी द्वारा तीन कुओं में तथा चिन्नोवाला टीब्बा क्षेत्र में ओएनजीसी द्वारा दो कुओं में उच्च गुणवत्ता के विस्तृत गैस भंडारों की खोज की गई है जिनका आकलन किया जा रहा है। यह गैस पाकिस्तान के स्वान एवं मियानो गैस भंडारों के समकक्ष है। राज्य में गैस ग्रिड की स्थापना हेतु आर्थिक नीति सुधार आयोग ईपीआरसी द्वारा दिए गए सुझावों को आधारगत रखते हुए पेट्रोलियम अन्वेषण, प्रसंस्करण, परिवहन परिशोधन, वितरण आदि में राज्य की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु राज्य में पेट्रोलियम निगम की स्थापना हेतु मंजूरी दी गई है। पेट्रोलियम निगम का गठन प्रक्रियाधीन है।इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा शहरी गैस वितरण हेतु तीन कंपनियों मैसर्स अडानी एनर्जी लि. को जयपुर एवं उदयपुर के लिए, मैसर्स हरियाणा गैस लि. को नीमराना एवं भीवाडी हेतु तथा मैसर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. को राज्य के 26 शहरों कस्बों हेतु अनापत्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। पेट्रोलियम रेगुलेटरी बोर्ड से अनुमोदन के उपरांत शहरी गैस वितरण हेतु आधारभूत ढाँचा विकसित होगा। राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से राज्य में कुल 19 ब्लॉकों लगभग 60 हजार वर्ग किमी में तेल, प्राकृतिक गैस एवं कोल बैड मीथेन की खोज का कार्य प्रगति पर है।

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