Saturday, August 1, 2009

हरित राजस्थान पर्यावरण जन जागृति रथ यात्रा 31 को नागौर में

हरित राजस्थान पर्यावरण जन जागृति रथ यात्रा 31 को नागौरमें
नागौर 29 जुलाई। अखिल भारतीय जीवरक्षा बिश्नोई सभा (रजि.) द्वारा राजस्थान के 16 जिलों में हरित राजस्थान जन जागृति यात्रा निकाली जाएगी। जिसकी शुरूआत सोमवार को हनुमानगढ़ के चन्दूरवाली गांव से होगी। सभा के जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने बताया कि उक्त यात्रा 31 जुलाई शुक्रवार को नागौर पंहुचेगी। उन्होनें बताया कि यात्रा 31 जुलाई को सुबह सात बजे जिले में प्रवेश करेगी। प्रवेश के समय ग्राम श्रीबालाजी में यात्रा का स्वागत किया जाएगा। जिला मुख्यालय पर सुबह साढ़े आठ बजे स्कूली बच्चों,पर्यावरणप्रेमी लोगों,वनविभाग तथा जीवरक्षा सभा के कार्यकत्र्ताओं द्वारा यात्रा रथ के साथ चलकर भव्य रैली निकाली जाएगी। उसके बाद सवा 11 बजे ग्राम चातरा मांजरा में वन्यजीवों की रक्षार्थ शहीद ‘सुखराम बसवाणा’ को श्रद्धांजलि देने के लिए सभा होगी। जिसमें यात्रारथ भी पंहुचेगा। सवा 12 बजे विष्णु बाल निकेतन माध्यमिक विद्यालय भेड़ के प्रांगण में जनजागृति सभा होगी। जिसमें हरित राजस्थान पर गोष्ठी का आयोजन होगा। वृक्षारोपण किया जाएगा। पौधे वितरित किए जाएंगे। दिन में 3 बजे जिले के ग्राम रोटू में शहीद धूंकलराम माल को श्रद्धांजलि देने के लिए सभा का आयोजन होगा जिसमें यात्रारथ पंहुचेगा। रोटू में वृक्षारोपण व पर्यावरण संगोष्ठी के बाद रथ शहीद बुचारामजी ऐचरा के धाम बुचासागर पोलास बिश्नोईयान पंहुचेगा। जहां शाम 6ः30 बजे वृक्षारोपण किया जाएगा। उसके बाद यात्रा जोधपुर जिले के लिए प्रस्थान करेगी। प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि पर्यावरण संरक्षण और वृक्षों की रक्षा के लिए बिश्नोई समाज का योगदान पिछले सवा 5 सौ वर्षों से निरंतर रहा है। पर्यावरणविद् एवं बिश्नोई समाज के प्रवर्तक भगवान जम्भेश्वर ने वृक्ष रक्षा को मनुष्य धर्म बताया था।वृक्ष की रक्षा करना, वृक्षारोपण करना, वन्यजीवों की सुरक्षा करना और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने वाले कार्य बिश्नोई समाज द्वारा स्वप्रेरणा से किए जाते हैं। समाज की इन उपलब्धियों को उजागर करने और वर्तमान सरकार द्वारा चलाए गए अभियान हरित राजस्थान के लिए व्यापक प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ‘‘वृक्ष मित्र’’ साहबराम बिश्नोई ने उक्त यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। कार्यक्रम के अनुसार यात्रा का शुभारम्भ 27 जुलाई को हनुमानगढ़ से होगा। 28 जुलाई को उसी जिले में कार्यक्रम होंगे। 29 जुलाई को गंगानगर, 30 को बीकानेर, 31 को नागौर, 1 अगस्त को पाली व जोधपुर में जनजाग्रति सभाएं रखी जाएगी। 3 अगस्त को जैसलमेर, 4 को बाड़मेर, 6 को जालोर, 7 को सिरोही व उदयपुर, 8 को राजसमंद व चितौढ़गढ़, 9 को भीलवाड़ा, 10 को अजमेर तथा 11 अगस्त को प्रदेश की राजधानी जयपुर में यात्रा का समापन होगा। यात्रा के दौरान जिन जिलों में वन्यजीव एवं वृक्षों कीे रक्षार्थ शहीद हुए हैं वहां श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएगी। जिन शहीदों की प्रतिमाएं नहीं बनी है उनकी प्रतिमाएं स्थापित करवाने के लिए सम्बन्धित लोगों को प्रेरित किया जाएगा। सरकार के मिशन ‘हरित राजस्थान’ तथा बिश्नोई धर्म के सूत्र‘जीव दया पालणी रूंख लीलो नहीं घावे’ के सिद्धांत पर प्रचार प्रसार करते हुए यात्रा पूरी की जाएगी। इन कार्यक्रमों से जन जन को हरित राजस्थान के लिए प्रेरित करने का पूरा प्रयास होगा। यात्रा में अखिल भारतीयजीवरक्षा बिश्नोई सभा के सदस्य, पदाधिकारी, कार्यकत्र्ता तथा वन विभाग के कर्मचारी, अधिकारी व कार्यकत्र्ता भाग लेंगे। हरित राजस्थान के लिए संगोष्ठियां करने के साथ ही सभी स्थानों पर वृक्षारोपण तथा पौध वितरण का कार्य प्रतिदिन किया जाएगा। जिसमें वनविभाग की महत्वपूर्ण भूमिका सभी जिलों में रहेगी।

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