http://groups.google.co.in/group/vishnoicommunity?hl=en नया साल क स्नेह सम्मलेन विश्नोई समाज महारास्त्र क और से शांति पूरण ढंग से संपन्न हुआ ! यहाँ "जम्भेश्वर तपोभूमि " जुहुचंद्र न्यागावन,मुंबई में आयोजित हुआ !, आचार्य श्री तपस्वी भागीरथ दास जी "जाजीवाल धोरा "" का यहाँ पधारने पर उनके सानिध्य में शनिवार रात्रि को जागरण व रविवार को हवन परवचन रखा गया ! तथा पाहल ,परशाद व महापर्शाद क़ आयोजन किया गया ! विशेष अतिथि सत्कार मूर्ति सासंद जसवंतसिंह जी ,स्व . राम सिंह जी क सुपुत्र व वर्तमान विधायक लूनी से लोहापुरुष मलखान सिंह जी , प्रो. पब्बारम जी ढाका ,युवक कांग्रेस क रास्ट्रीय सचिव व फिलम सेंसर बोर्ड क मेंबर मनीष जी धार्निया , पूर्व परधान सांचोर नरेन्द्र जी ,ADVO. शुख राम जी , जयाराम जी मांजू लियादारा ,जालोर युवक कांग्रेस क अधक्ष युवा नेता पारस राम जी ढाका ,स्थानीय व्यापारी जनक जी व्यास और इन सब का चादर ओधा कर ,साफा बाँध कर , और माल्यार्पण कर तहेदिल से स्वागत किया ! अतिथिओं ने कहा की ऐसा आपका अड़भुत प्रेम देख कर यहाँ ही रहने का मन कर रहा है !C A मांगीलाल सारण साहब ने स्टेज पर बहुत ही अच्छी तरह संचालन किया ! C A साहब ने अतिथिओं की मेहमान नवाजी में चार चाँद लगा दिए ! यहाँ क हीरालाल जी जोधपुर जिन क मेहनत से ये शुभ अवसर आया है ! यहाँ क महानुभाव नारायण जी ढाका , बाबूजी खियाणी , जयकिशन जी साहू , मोहनलाल जी दारा ,जालाराम जी ,रत्नाराम जी ,भारमल जी , भगान जी दारा ,आशुजी कुरादा ,धर्माजी खिलेरी आदि लोगों ने मेहमानों का स्वागत किया !श्री भगीरथ दास जी आचार्य ने युवाओं को नशामुक्ति और जम्भेश्वर भगवान् क बताये हुए नियमो पर चलने को कहा ! ओमप्रकाश ढाका क अनुसार सम्मलेन में लगभग ५००० पांच हजार परवासी विश्नोई शामिल हुए ! पब्बाराम जी ढाका ने पर्वासिओं को एकजुटता और इमानदारी से व्यापार नोकरी करने की सलाह दी ! अतिथियों ने पर्वासियों को जोश दिलाते हुए कहा की अगर यहाँ मुंबई से चन्दा " धन " ले जा क डेल्ही में पांच सितारा समाज क स्थान / मंदिर / धर्मशाला बनाई जा सकती है तो यहाँ मुंबई में भी बन सकती है ! सासंद जशवंत सिंह नी कहा की सामाजिक एकता से ही समाज ka विकाश संभव है ! यहाँ नाय्गावं में अधिकांस सहयोग जोधपुर डिस्ट्रिक क पर्वासियों ka रहा है !
श्रद्धा-पुष्प… मांगते है आज गुरू जी से हमेँ हमारी टूटी पतंग और डोर दे दो,
चौ॰ भजनलाल जी फिर ना दे सको तो उनके जैसा कोई और दे दो।
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